अध्याय 289

फोन बहुत देर तक बजता रहा, लेकिन पेनलोप ने उसे उठाने की हिम्मत नहीं की।

आखिरकार, फोन की घंटी बंद हो गई।

एमिली ने ठंडी हंसी के साथ अपना फोन जेब में रख लिया।

यह नाटक अब बहुत लंबा खिंच चुका था।

वह खड़ी हो गई। "पेनलोप, यह हमारी पहली मुलाकात है। मैं तुम्हें एक मौका दे रही हूँ, इसका पूरा फायदा उठाओ।"

यह कह...

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